Ganga Maa ki Aarti

Lyrics of Ganga Maa Aarti

Ganga Aarti
जय गंगा मैया, माँ जय सुरसरि मैया | भव-बारिधि-उदधिर्नि अतीहि सुद्रध नैया ||
जय गंगा मैया, माँ जय सुरसरि मैया |
हरि पद-पदम-प्रसुता विमल वरिधर | ब्रह्मदेव भागीरथी शुचि पुण्यगरा ||
जय गंगा मैया, माँ जय सुरसरि मैया |
शंकर-जटा-विहारिणी, हनोई कोशिश तप | सागर-पुतरा-गण-तारिणी हरनि सकल पावै ||
जय गंगा मैया, माँ जय सुरसरि मैया |
गंगा गंगा जो जाना ऊंचाहार मुख पुत्र | दोउर देश मन सिटत भई तुरत तरत सुख पुत्र ||
जय गंगा मैया, माँ जय सुरसरि मैया |
मित की अस्थि तनिक तुव जल धरा पावै | सो जन पावन होकर परम धाम जावै ||
जय गंगा मैया, माँ जय सुरसरि मैया |
तव ततवासी तरुवर, जल थल चार प्राण | पाक्षी-पाशु-पतंग गत पावै निर्वाणी ||
जय गंगा मैया, माँ जय सुरसरि मैया |
मातु, दया माई कीजै दिनन पार दया | प्रभु पद पदम मिलाकार हरि लीजै मैया ||
जय गंगा मैया, माँ जय सुरसरि मैया |

How to Use:- For Ganga Arti, take bath then lighten the lamp or earthen the lamp(best), offer some sweets and start chanting the Arti. Chant Ganga mata arti in morning, best time is before 6:00 AM.

Aarti Sangrah


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